आमिल बेग (संवाददाता)
देश समाचार (सोनभद्र/डाला) – जनपद में हो रहे बालु खनन में मनमानी रवैये व मिली भगत की सुर्खियां इन दिनों चर्चाओं में सरेआम है और मनमानी रवैया खूलेआम है। देखा जाय तो जिम्मेदार के खुले भ्रष्टाचार की बू आने लगी। क्षेत्र में इन बातों को चर्चा है कि जहां सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने में लगी है वहीं सरकार की छवियां धूमिल किस आधार पर की जा रही है। जनपद के अगोरी, रेणुका नदी, ब्रह्मुरी व खोखा के बालू साइडों पर मनमानी भ्रष्टाचार को देखा जा रहा है। नियमानुसार बालू की साइडों में बड़ी पोकलेन मशीनों का प्रवेश वर्जित है। वही दिनदहाड़े अनियमितता को अंजाम दिया जा रहा है। जिसमे जिलाप्रशासन के साथ वन विभाग , खनन विभाग की सनलिप्तता है और तो और दिन के आदेश के साथ पूरी रात्रि भर खनन जोरो पर चल रहा है। चिन्हित गाड़िया को पैसे कमाने की होड़ में ओवरलोड निकालना आम बात बन गया है। जिला प्रशासन को ट्विटर के माध्यम व सोशल साइड के माध्यम से अक्सर अवगत कराया जा रहा है। परन्तु संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है।नदियों को एक छोर से दूसरे छोर तक बांधने से जलीय जीव जन्तु का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है वही जंगली जानवरों को पानी की समस्या तथा किसानों को सिंचाई की मार भी झेलना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि नदी में पानी न आने से हम किसानों को सिंचाई करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब हो कि मछुआ विरादरी का धरना प्रदर्शन अपने हितों को लेकर कई वर्षो से चल रहा है। जिसकी सरकार ने संज्ञान भी लिया । पर इसका कोई असर देखने को नही मिल रहा। इस सम्बंध में निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष अनिकेत निषाद ने बताया कि शिकायते कई बार जिला प्रशासन को दिया गया। परन्तु संज्ञान में नही ले रहे । मंत्री जी के आने पर इस सम्बंध में बात किया जाएगा।