मुहम्मद इमरान बक्सी (एडिटर/चीफ)
सोनभद्र। सोमवार को मुंशी प्रेमचंद की कहानियां अपने समय और समाज के मर्मस्पर्शी कथा चित्र हैं, यह कहना था डॉ गोपाल सिंह का जो बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधन दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रेमचन्द्र की सभी कहानियां हमें संदेश देती हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित साहित्यकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि प्रेमचंद का लेखन आम आदमी का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि प्रेमचन्द्र अकेले ऐसे लेखक हैं जिन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि से विभूषित किया गया।
माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के बाद मुंशी प्रेमचंद्र व संस्थापक ईश्वर प्रसाद पांडेय जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। छात्राओं ने सरस्वती वंदना के बाद स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया।
विद्यालय के प्राचार्य ने मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्हें मानवीय संवेदना का संवाहक बनाया । उन्होंने कहा कि समाज के गरीब, शोषित और संघर्षशील व्यक्तियों की पीड़ा को अभिव्यक्ति देने का काम मुंशी प्रेमचंद ने बखूबी किया। छात्रा जयश्री राय व श्रुति मिश्रा ने अपने वक्तव्य में प्रेमचन्द्र की रचनाओं पर प्रकाश डाला । प्राध्यापक भोलानाथ मिश्र ने मुंशी प्रेमचंद को योद्धा बताते हुए कहा कि इस कथा सम्राट ने कलम को हथियार बनाया और अंग्रेजों से मोर्चा लिया । विद्यालय के प्रबंधक मनीष पांडेय ने अतिथियों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वंदेमातरम गीत के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।