मुहम्मद इमरान बक्शी (एडिटर/चीफ)
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा
सोनभद्र। बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते ग्राम पंचायत मूर्तिया त घोरावल जनपद सोनभद्र में सर्वे का कार्य चल रहा है उक्त ग्राम के साथ साथ अन्य ग्रामों में भी सर्वे का कार्य चल रहा है। ग्राम मूर्तिया में कार्यरत लेखगाल अरुण कुमार उस गांव ही नहीं बल्कि उस क्षेत्र के सबसे बड़े भू माफिया पारस नाथ के पक्ष में अपने आर्थिक हित को समते हुये रिपोर्ट लगा दिया करते हैं उदाहरण स्वरूप ग्राम मरती में वन भूमि और कास्त भूमि का सीमांकने का आदेश तत्कालीन उपजिलाधिकारी महोदय श्री श्यामप्रताप सिंह जी द्वारा निर्देशित किया गया था। उक्त भूमि की पैमाइश करने गयी टीम में श्री अरुण कुमार लेखपाल मूर्तिया द्वारा बिना पैमाईश किये ही रिपोर्ट लगा दिया गया था नतीजतन भू माफिया पुन उस भूमि पर काबिज हो गये में हम ग्रामीणों द्वारा विवश होकर पुनः जन आन्दोलन चलाया गया तब जाकर वस्तुस्थिति से आदरणीय उप जिलाधिकारी महोदय अवगत हुये और वर्तमान सांसद महोदय करा जनहित में संख्त रूख अपनाने के बाद पुनः ग्राम मरनी के गाटा सं0 92 की ईमानदारीपूर्वक पैमाइस की गयी जिससे यह स्पष्ट हुआ की पूर्व में भेजी गयी पैमाइस आख्या फर्जी थी लगभग 150 बीघे भूमि भू माफिया भारत नाथ द्वारा बन विभाग की जोती जा रही थी। परिणामतः तत्कालीन उप जिलाधिकारी महोदय द्वारा उक्त भूमि को जोने से रोक दिया गया और वह भूमि वन विभाग की सुपुर्दगी में दिनांक 30.10.2002 को दे दी गयी। किन्तु पुन लेखपाल जरू कुमार की भू माफियों के पक्ष में की जा रही रिपोर्टिंग के बाद पूर्व उप जिलाधिकारी द्वारा वन विभाग को सुपुर्द की गयी जमीन को भू माफिया पारस नाथ वगैरह जोतने की फिराक में है अगर ऐसा होता है तो स्थिति पुनः जन आन्दोलन की बनेगी भू माफिया पारस नाथ न सिर्फ ग्राम मरनी में वन भूमि जोत रहा है बल्कि ग्राम मूर्तिया में गादा सं0 811 मि0 में अपने काश्त भूमि की आड़ में वन विभाग के रकबे को जीत रहा है। महोदय पारस नाथ का मुकदमा विविध वाद सं0 236 वन बन्दोबस्त न्यायालय में लंबित है जिसमें बाद भूमि की दिशा को लेकर है न की रक मुकदमा है। उक्त मुकदमें की आड़ में अपनी कारत भूमि के साथ-साथ उमा माफिया वन भूमि के रकबे को जोत रहा है। उक्त व्यक्ति के विरुद्ध अब तक वन विभाग द्वारा 5 बार एच0-2 केस जारी होने के बाद भी भू माफिया घोषित नही किया गया। और इसके पिछे लेखपाल अरुण कुमार तथा वन विभाग के क्षेत्रीय वनाधिकारी सरजू प्रसाद की मिली भगत है। ग्राम मूर्तिया में कल्लू पुत्र बिन्द्रा की जमीन को उक्त व्यक्ति को जबरदस्ती भगाकर पारस नाथ द्वारा कब्जा कर लिया गया और जब उक्त गरीब द्वारा पैमाइश का निवेदन किया जाता है तो लेखपाल अरुण कुमार द्वारा रिपोर्ट में लिखा जाता है कि मौके पर भूमि कम है। महोदय सर्व लेखपाल अतम कुमार का अविलम्ब स्थानान्तरण कर किसी ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ लेखपाल को ग्राम। इस मौके पर बिंदु ,शीला, जोगिंदर, आशा देवी, रामपति, दिनेश, कल्लू, भागीरथी, दूधनाथ ,कौशल्या, आर्य सहित दर्जनों लोग।