एनटीपीसी विंध्याचल में राजभाषा अनुभाग द्वारा विश्व कविता दिवस के अवसर पर आंचलिक काव्य गोष्ठी का आयोजन
मुहम्मद इमरान बख्शी(चीफ एडिटर)
देश समाचार (सोनभद्र/ब्यूरो)एनटीपीसी-विंध्याचल के मानव संसाधन-राजभाषा अनुभाग द्वारा विश्व कविता दिवस के अवसर पर परियोजना के प्रशासनिक-भवन के रामानुजन सभागार में आंचलिक काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। परियोजना के राजभाषा अनुभाग द्वारा वर्ष भर इस प्रकार की अनेक काव्य-गोष्ठियों का आयोजन राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार एवं परियोजना में साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जाती हैं। इन काव्य-गोष्ठियों के माध्यम से परियोजना के साथ-साथ एनटीपीसी-विंध्याचल एवं आस-पास की परियोजनाओं के कर्मचारियों कवियों की काव्य-प्रतिभा को सिंचित करने एवं उन्हें एक उचित मंच प्रदान करने की कोशिश की जाती है।
सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य-अतिथि कार्यकारी निदेशक(विंध्याचल) श्री सुभाष चन्द्र नायक, मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री सत्य फनी कुमार, महाप्रबंधक (तकनीकी सेवाएँ) श्री जे के सेन गुप्ता एवं उपस्थित कविगणों का महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री प्रबीर कुमार बिस्वास द्वारा पुष्प गुच्छ प्रदान कर अभिनंदन किया गया। तदोपरांत काव्य-गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं उपस्थित कविगणों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं एनटीपीसी गीत के साथ किया गया।
कार्यकारी निदेशक (विंध्याचल) श्री सुभाष चंद्र नायक नें कार्यक्रम में पधारे अतिथिगण एवं कविगणों को विश्व कविता दिवस की हार्दिक बधाई देते हुये कहा कि सभी कवियों की रचनाएँ काफी सराहनीय हैं एवं इसे आगे बरकरार रखने हेतु नई पीढ़ियो के रचनाकारों को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके पश्चात उन्होनें अपने उद्बोधन में राजभाषा अनुभाग द्वारा किए गए इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए सभी कवियों के काव्य-पाठ को सराहा तथा आगे भी इस तरह का आयोजन किए जाने हेतु बल दिया।
इस काव्य गोष्ठी में श्री रवीद्र कुमार मिश्रा, श्री कल्याण सिंह, सुश्री किरन, श्री जितेंद्र रावत, सुश्री मालविका अवस्थी, श्री रमाकांत पाण्डेय, सुश्री साधना शर्मा, सुश्री उर्मिला जायसवाल, श्री सुरेश गिरि एवं सुश्री शलिनी श्रीवास्तव नें अपनी-अपनी कविता सुनाकर सभी दर्शकों का दिल जीत लिया तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम का सफल संचालन कार्यपालक(नैगम संचार) सुश्री शिक्षा गुप्ता एवं धन्यवाद-ज्ञापन महाप्रबन्धक (मानव संसाधन) श्री प्रबीर कुमार बिस्वास द्वारा किया गया।