देश समाचार (जयपुर/ब्यूरो) भारतीय मूल की छात्रा अक्षिता ठाकुर की बुलवायों स्पेन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर कोटा का नाम रोशन किया
कोटा कैथूनीपोल निवासी अक्षय-)तु ठाकुर की सुपुत्री अक्षिता ठाकुर को हाल ही में स्पेन के शहर बिलबाओं में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भाग लेने लेने का मौका मिला। इस सम्मेलन ने दुनियाभर से आए 700 से अधिक छात्र प्रतिनिधियों ने भाग लेकर सम्मेलन को अपने विचारों और प्रस्तुतियों से नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना था, जिसमें मानव तस्करी प्रमुख विषयों में से एक था। इस महत्वपूर्ण चर्चा में भारत की अक्षिता ने अपने विचारों को अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया, जिसके लिए उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अक्षिता का जोशीला भाषण
अक्षिता ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, हम ऐसे संसार में रह रहे हैं जहाँ लाखों असहाय लोग, विशेष रूप से महिलाएँ और बच्चे, मानव तस्करी के भयावह जाल में फँसकर अपने सम्मान और मौलिक अधिकारों से वंचित हो जाते हैं। यह एक कठोर सच्चाई है, जिससे अनगिनत लोग पीड़ित हैं, और इस समस्या को समाप्त करने हेतु यह प्रस्ताव अत्यंत आवश्यक है।
अक्षिता ने कहा कि मानव तस्करी से निपटने के लिए एक वैश्विक, समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, जिसमें ’’रोकथाम, सुरक्षा, अभियोजन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’’ को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे कानूनों को मजबूत करें, कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को बढ़ाएँ और विशेष टास्क फोर्स गठित करें ताकि तस्करी के नेटवर्क को जड़ से समाप्त किया जा सके।
अक्षिता ने तकनीक के उचित उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ए.आई और सोशल मीडिया निगरानी समितियों के माध्यम से तस्करी से जुड़े ऑनलाइन कंटेंट की पहचान कर उसे रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तस्करी पीड़ितों के पुनर्वास के लिए अधिक चिकित्सा सुविधाओं, शरण स्थलों और परामर्श सेवाओं की व्यवस्था पर बल दिया।
युवा पीढ़ी की भागीदारी आवश्यक
अक्षिता ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा के माध्यम से युवाओं को जागरूक करके समाज को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, यदि हम किशोरों और युवाओं को इस समस्या की पहचान करने और इससे बचने के उपाय सिखाएँ, तो हम इस वैश्विक संकट को काफी हद तक रोक सकते हैं।
‘सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि पुरस्कार’ से सम्मानित
अक्षिता के प्रभावशाली तर्कों और उनके दृढ़ संकल्प के कारण उन्हें ’सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि’ के पुरस्कार से नवाजा गया। उनके विचारों को सम्मेलन में उपस्थित सभी प्रतिभागियों और निर्णायकों ने खूब सराहा। यह पुरस्कार न केवल उनके लिए बल्कि कोटा एवं संपूर्ण भारत के लिए गर्व का विषय है।
संयुक्त राष्ट्र के इस सम्मेलन ने वैश्विक स्तर पर युवाओं की शक्ति और उनकी जागरूकता की अहमियत को दर्शाया। अक्षिता जैसे प्रेरणादायक युवा प्रतिनिधियों के प्रयासों से भविष्य में मानव तस्करी जैसी भयावह समस्या को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।