इमरान बक्शी (एडिटर चीफ )
सोनभद्र
0 कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर डीएम नामित 19 सूत्री ज्ञापन पत्र एसडीएम ओसी को सौंपा
सोनभद्र। कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को दुद्धी तहसील क्षेत्र के दर्जनों विस्थापितों द्वारा अपनी 19 सूत्री मांगों को लेकर जिला अधिकारी नामित ज्ञापन एसडीएम ओसी को सौंपते हुए बुलंद की आवाज।
विस्थापित गम्भीर कुमार ने बताया कि जिले के दुद्धी
में कनहर सिंचाई परियोजना अमवार से विस्थापित गाँव कोरची, भीसुर, सुन्दरी, लाम्बी, गोहड़ा, रन्दहटोला,सुगवामान,अमवार, कुदरी, बरखोहरा बघाडू के विस्थापितों को न्याय अभी तक नहीं मिला है वही बताया कि कनहर सिंचाई परियोजना अमदार का प्राकलन सन् 1973 में किया गया था जिसका शिलान्यास 6 अक्टूबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। उस समय विस्थापितों से वादा किया गया था कि प्रत्येक विस्थापितों को मुआवजा के अलावा 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि नहर के किनारे देकर बसाया जाएगा तथा प्रत्येक परिवार में परियोजना के अन्तर्गत योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दिया जायेगा परन्तु वादा के अनुरूप हम सबों को न तो भूमि दिया गया और न ही नौकरी दी गयी तथा किसी कारणवश परियोजना लम्बित पड़ गया था और हम सभी ग्रामवासी तब से लेकर आज तक स्थापित हैं। गाँवों का खूब विकास हुआ किसी भी व्यक्ति को यह उम्मीद नहीं था कि कनहर परियोजना बनेगा।
पुनः जब भारत सरकार द्वारा 2013 में नया भूमि अर्जन कानून पास किया गया उसके पश्चात् . 2014 में कनहर परियोजना का कार्य शुरू हुआ तब तत्कालीन सरकार द्वारा 30.10.2014 को यह शासनादेश जारी किया गया कि सभी विस्थापित परिवार को तीन पीढ़ी तक नये विस्थापन कानून के दूसरे अनुसूची के आधार पर विस्थापन पैकेज 711000/- (सात लाख ग्यारह हजार रूपए) गाव प्रत्येक लाभार्थी को 150 वर्ग मीटर का प्लाट भी आवंटित किया जाएगा परन्तु तिस्थापन सूची का सर्वे कब और कहाँ से किया गया हम तिस्थापितों को कभी पता तक नहीं चला और मनमाने ढंग से मात्र 1810 लोगों का सूची जारी कर फील्ड हॉस्टल (अमवार) पर चस्पा कर दिया गया था उस समय भी विस्थापित लोग सर्वे व विस्थापन निति के कानून में निहित व्यवस्था के अनुरूप धारा 24 (2) के मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे थे जिसके बाद पुनः लेखपालों के माध्यम से विस्थापित गांवों में सर्वे काराया गया जिसमें खूब मनमानी किया गया। लेखपाल लोगों की गलती से आज भी हजारों परिवार विस्थापन सूची से बाहर हैं। हम विस्थापित ग्रामवासी कभी भी परियोजना बनने के विरोध में नहीं थे और न ही आज भी हैं। कुछ दलाल व नेताओं के द्वारा हम विस्थापितों और प्रशासन में मतभेद कराया गया था।
वर्तमान में परियोजना का कार्य करीब पूरा होने के कगार पर है। हम विस्थापितों को घर खाली करने हेतु नोटिस जारी किया जा चुका है जबकि हम विस्थापित ने कई ऐसे परिवार हैं जिनका नाम विस्थापन सूची में जुड़ने से वंचित रह गया है तथा कई ऐसे सूचीबद्ध परिवार भी हैं जिनको अभी तक पैकेज नही मिला है।
उक्त सारी बातों से महोदय को अवगत कराते हुवे हम विस्थापित परिवार मांग करते हैं जो निम्न प्रकार
1- डूब क्षेत्र के सभी छूटे हुए परिवार को पुनः सर्वे कराकर सूचीबद्ध किया जाए। 2- सूचीबद्ध विस्थापितों को तत्काल एकमुश्त पैकेज दिया जाए।
3- सभी विस्थापित गाँवों में कुछ भूभाग हैं जो डूब क्षेत्र से बाहर है परन्त चारों ओर से जल से घिरने वाले हैं ऐसे टापूओं को भी डूब क्षेत्र में सामिल कर मानक के आधार पर प्रतिकर दिया जाए ।
4- विस्थापित गाँवों में असंक्रमणीय भूमि भूमिहीन लोगों को भूदान के रूप में मिला था जो संक्रमणीय हो चुका था ऐसे भूमि को 2019 में बिना किसी सूचना के कनहर परियोजना में सामिल कर दिया गया इसका भी प्रतिकर दिया जाए। जाए।
5- विस्थापित गाँव में नया डूब का सर्वेक्षण कराकर प्रतिकर दिया
6- अधिक्षण अभियंता क०नि०म०पि०सो013 दिनाँक 02.01.2012 के आधार पर प्रपत्र 11 (जो भूमि के प्रतिकर पाने का साक्ष्य है) के लाभाथियों को सूचीबद्ध कर पैकेज दिया गया है उसी के आधार पर समस्त विस्थापित गाँवों के छूटे हुवे प्रपत्र 11 के पात्र लाभार्थियों को सूचीबद्ध कर
पैकेज दिया जाए। 7- अधिग्रहण के पहले से वर्तमान में निवास कर रहे परिवारों को (जिनके पास डूब का साक्ष्य
नहीं है) सर्वे कराकर पैकेज दिया जाए । 8–जिस विस्थापित गाँवों में पिता के वारिस सिर्फ पुत्रियाँ हैं उन्हें भी विस्थापन का लाभ दिया जाए।
9- सभी विस्थापितों को विस्थापन का प्रमाण-पत्र दिया जाए। 10- विभाग की लापरवाही या लेट-लतिफी के कराण ऐसे सूचीबद्ध लाभार्थी जो विस्थापन का लाभ (211000 रूपए) लेकर मृतक हो गये हों या लेने से पहले मृतक हो गये हों उसकी राशि व
प्लाट उनके वास्तवक वारिस को दिया जाए। 11- हर विस्थापित को रोजगार की दृष्टि से योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दिया जाए । 12- हर विस्थापित परिवार
को खेती के लिए 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि दिया जाए । 13- सूचीबद्ध जो नाम गलत दर्ज हैं उन्हें शुद्ध कर पैकेज दिया जाए ।
14- आन्दोलन के समय विस्थापितों पर लगे फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएं। 15- सभी विस्थापितों को प्रधानमंत्री आवास दिया जाए।
16- शासनादेशानुसार पैकेज के अतिरिक्त प्रस्तर (ग) के तहत सभी विस्थापितों को जो पशुबाड़ा/ छोटी दुकान / कारीगरों / छोटे व्यापारियों की श्रेणी में आते है उन्हे 25000/- (पच्चीस हजार) रूपए देना है जो अभी तक किसी को नही मिला है इसका भी लाभ दिया जाए।
17 – महँगाई दर को देखते हुवे पैकेज की धनराशि दोगुना किया जाए। 18- विस्थापितों को स्वयं की घर बनाने हेतु निःशुल्क बालु (रेत) व बोल्डर (पत्थर) ले जाने की अनुमति दी जाए। 19- भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 24 (2) को कनहर सिंचाई परियोजना में लागु किया जाए ।इस दौरान फिरोज खान, विजय कुमार, राम प्यारे , जगत कुमार, शिव प्रकाश , श्याम, अशर्फी कुमार, उदय राज, त्रिभुवन, नागेश्वर , रामबली, रामलाल सहित दर्जनों विस्थापित मौजूद रहे।