January 18, 2025 |

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132 वां बाबा भीमराव अम्बेडकर की जयंती बड़े हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया

आमिल बेग (संवाददाता)

देश समाचार (सोनभद्र/डाला )- स्थानीय डाला नगर पंचायत के वार्ड नंबर दो मलिन बस्ती में 132 वां बाबा भीमराव अम्बेडकर की जयंती बड़े हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया
शुक्रवार दोपहर बारह बजे से डाला नगर पंचायत के वार्ड नंबर दो में 132 वां बाबा भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि बसपा के वरिष्ठ नेता अविनाश शुक्ला एवं परमेश्वर भारती रहे विशिष्ट अतिथि राम-लखन देहाती, इस अवसर पर सबसे पहले बाबा भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया
जिसके उपरांत वक्ताओं ने बाबा साहेब के संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए बाबासाहेब को आदर्श मान कर उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया गया

खास बातें, बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जानें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
आज सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती है। डॉ भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल को हुआ था। बाबा साहेब की जयंती को पूरे देश में लोग उत्साह से मनाते हैं। भारत रत्न अम्बेडकर पूरा जीवन संघर्ष करते रहे । भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। आजादी की लडाई में शामिल हुए और स्वतन्त्र भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान निर्माण में अतुल्य भूमिका निभाई। बाबा साहेब ने पिछड़े और कमजोर वर्ग के अधिकारों के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया। भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं। बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जानें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें।
सामाजिक और आर्थिक भेदभाव में गुजरा बचपन
14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में डाॅ. भीमराव अंबेडकर का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता भीमाबाई थीं। अम्बेडकर महार जाति से ताल्लुक रखते थे । इस कारण उनका बचपन भेदभाव में गुजरा।
अम्बेडकर की शिक्षा
उन दिनों छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त थीं, इस कारण उन्हें शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन बाबा साहेब बचपन से ही बुद्धिमान और पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्होंने जात-पात की जंजीरों को तोड़ अपनी शिक्षा पूरी की। मुंबई के एल्फिंस्टन रोड पर स्थित सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले वह पहले अछूत छात्र थे। बाद में 1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से शिक्षा ली । 1916 में बाबा साहेब को शोध के लिए सम्मानित किया गया था।
इस दौरान कार्यक्रम में प्रकाश सिंह उर्फ पप्पू,सजय ठाकुर राजेश भारती उमेश भारती रमेश भारती, शाहनवाज शाह, द्वारिका चंद्र वंशी, अशर्फी पासवान, लक्ष्मण कुशवाहा घनश्याम भारती संतोष शर्मा, रामजीत गौतम अरविंद भारती आदि लोग उपस्थित रहे
इस कार्यक्रम का संचालन राणा सुभाष राव अम्बेडकर के द्वारा किया गया

Desh Samachar

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