विस्थापित प्रभावितों की हक मारकर बाहरीयों को तरजीह देने से फूटा गुस्सा।
युवा, महिलाओं व ग्रामीणों का एनसीएल खड़िया कार्यालय सामने बैठे धरने पर।
देश समाचार (सोनभद्र/शक्तिनगर)
विस्थापितों को रोजगार दो, कंपनी की तानाशाही नहीं चलेगी, विस्थापित एकता जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद आदि नारों के साथ विस्तापित युवा कल्याण समिति के नेतृत्व में दर्जनों बेरोजगार युवक व महिलाओं ने शनिवार को एनसीएल खड़िया परियोजना मुख्य महाप्रबंधक प्रवेश द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन जताते हुए धरना दिया।
विस्थापित युवा कल्याण समिति महाप्रबंधक राजन कुमार ने बताया कि कई महीनों से प्रार्थना पत्र के माध्यम से एनसीएल प्रबंधन, एसए यादव कंपनी और जिला प्रशासन द्वारा विस्थापितों व प्रभावितों के रोजगार के लिए वार्ता हो रही थी, लेकिन सिर्फ आश्वासन देकर काम टरकाते हुए मूल विस्थापित व प्रभावितों को रोजगार से दूर करने का षड्यंत्र रचा गया। जिससे आक्रोशित हम सभी ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए मजबूर हुए।
धरना दे रहे ग्रामीणों ने दबी जुबान में रोजगार के नाम पर धन उगाही की बात को भी बताया और एसए यादव कंपनी के पप्पू सिंह व इनामदार पर गंभीर आरोप लगाए। कुछ दिन पूर्व ही राजन कुमार ने जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने के कारण स्थानीय थाने में तहरीर देकर आउटसोर्सिंग कंपनी एसए यादव के अधिकारियों पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि पूरे एससी एसटी एक्ट प्रकरण में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी ना होने के कारण पूरे मामले पर लीपापोती होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
लगभग 5 घंटे तक एनसीएल खड़िया परियोजना महाप्रबंधक कार्यालय के सामने चले धरना के बाद एनसीएल अधिकारी राजाराम यादव, बीके राय, एसपी सिंह व स्थानीय थाना पुलिस अधिकारी राजेश सिंह, बंसराज यादव के मध्यस्था के कारण धरना दे रहे ग्रामीण एसडीएम शैलेंद्र मिश्रा से फोन पर वार्ता के लिए राजी हुए। एसडीएम शैलेंद्र मिश्रा के आश्वासन के बाद धरना दे रहे ग्रामीण मुख्य महाप्रबंधक गेट को छोड़कर एनसीएल खड़िया परियोजना द्वारा स्थान उपलब्ध कराए गए स्थान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल धरने के लिए बैठ गए।
एनसीएल खड़िया परियोजना महाप्रबंधक कार्यालय गेट के सामने शांतिप्रिय तरीके से धरने पर बैठे ग्रामीणों को फोन पर एसडीएम शैलेंद्र मिश्रा ने कहा कि एनसीएल खड़िया का अधिकार क्षेत्र में आप धरना नहीं दे सकते, इसलिए कॉलोनी परिसर से बाहर एनसीएल खड़िया द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान पर ही आप अपनी बात रखें और विधिवत माध्यम से सरकार से हल निकालने के लिए वार्ता करें।
नौकरी में कोटा के लिस्ट वायरल होने से मचा था हड़कंप –
कुछ सप्ताह पूर्व आउटसोर्सिंग कंपनियों में नौकरी समायोजन एनसीएल अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों सहित समाजसेवियों के द्वारा कोटा आवंटन के माध्यम से रोजगार दिलाने की लिस्ट वायरल होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मचा था। हर व्यक्ति जो सामाजिक सरोकार वह जनता के हित की बात करता था, उन सभी का नाम उस लिस्ट में होने के कारण उनकी साख पर कई सवाल खड़े हुए थे। हालांकि अभी तक वायरल लिस्ट को प्रमाणिक नहीं किया जा सका है। शक्तिनगर भाजपा मंडल अध्यक्ष ने सोनभद्र पुलिस कप्तान से पूरे मामले की गहन जांच कराने की मांग भी की थी। परंतु अभी तक कोई साफ तस्वीर सामने नहीं पेश की जा सकी।
एससी-एसटी एक्ट आरोपी ने किया झंडारोहण –
एससी एसटी एक्ट आरोपी एसए यादव कंपनी के अधिकारी द्वारा गणतंत्र दिवस पर कंपनी में झंडारोहण करने की सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर ने कई सवाल खड़े कर दिए। एससी एसटी एक्ट पंजीकृत मुकदमे में जहां उक्त अधिकारी का पता अज्ञात लिखा गया है, वह अधिकारी थाना क्षेत्र अंतर्गत झंडारोहण करते कंपनी में देखा गया। वहीं साथी अन्य आरोपी भूमिगत हो गए हैं और खुद को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। धनबल से मजबूत आरोपियों की गिरफ्तारी मुकदमा लिखे जाने के बाद भी नहीं होने से क्षेत्र में कई तरह के अफवाहों का बाजार गर्म है।
एनसीएल खड़िया परियोजना के विस्थापित व प्रभावितों को दरकिनार करने से बढ़ रहा आक्रोश –
एनसीएल खड़िया परियोजना अंतर्गत कार्यरत ओबी कंपनी एसए यादव द्वारा एनसीएल खड़िया क्षेत्र के मूल विस्थापित व प्रभावितों को दरकिनार कर अन्य लोगों को रोजगार में तरजीह दिए जाने के कारण आम जनमानस में आक्रोश पनप रहा है और आने वाले दिनों में आउटसोर्सिंग कंपनी व एनसीएल खड़िया परियोजना प्रबंधन को जनता के कोप का भाजन भुगतना पड़ सकता है।