संत रविदास, कर्म ही मनुष्य का धर्म है: अजीत रावत
0 रावटसगंज नगर स्थित दलित बस्ती वार्ड 1 में आयोजित की गई गोष्टी
देश समाचार (सोनभद्र/ब्यूरो) रावटसगंज नगर स्थित वार्ड एक दलित बस्ती में रविवार को संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाया गया वही मुख्य अतिथि रहे भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अजीत रावत द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया वही अजीत रावत ने बताया कि आज माघ पूर्णिमा और रविदास जयंती है। संत रविदास जी का जन्म माघ मास की पूर्णिमा तिथि संवत 1388 को हुआ था। इनके पिता का नाम राहू और माता का नाम करमा था। इनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता हैं इन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास, रूहिदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता हैं। रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। संत रविवास जी बेहद धार्मिक स्वभाव के थे। वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे। संत रविदास जी ने भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्त्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। इन्होंने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी, और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए। उनके उपदेशों और शिक्षाओं से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है। आइए जानते हैं संत रविदास के उपदेशों के बारे में। अजीत रावत ने बताया कि संत रविदास जी द्वारा कई दोहे आज समाज को मार्गदर्शन देने का कार्य कर रही हैं जिनमें मन ही पूजा मन ही धूप,
मन ही सेऊं सहज स्वरूप।।
अर्थ: रविदासजी कहते हैं कि निर्मल मन में ही भगवान वास करते हैं। अगर आपके मन में किसी के प्रति बैर भाव नहीं है, कोई लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन ही भगवान का मंदिर, दीपक और धूप है।
इस दौरान मंडल उपाध्यक्ष अशोक भारती , पूर्व सभासद दलित बस्ती डॉक्टर दिनेश भारती, आलोक रावत, मोहन भारती, आशा भारती, राम लखन भारती , संजू देवी ,रन्नो भारती, फुल कुमारी ,सावित्री भारती, लालधारी भारती, राहुल भारती, रामबली भारती, जितेंद्र भारती, रोशन भारती, धर्मेंद्र भारती, सूर्य कुमार भारती ,कलावती भारती, सोनी, सुमन रावत, सुरती भारती, अनिल रावत, राधिका भारती, अनीता, संगीता देवी, बबलू रावत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।