देश समाचार( राजस्थान /बीकानेर/ब्यूरो)(नारायण उपाध्याय)। “हेलमेट बनाम खाकी” इन चंद शब्दों के अर्थ से हर कोई वाकिफ है और इसमें हर किसी की अलग अलग धारनाएं बनी हुई है। कुछ की पॉजिटिव तो कुछ की नेगेटिव सोच इस स्लोगन के पीछे जुडी हुई है। मसलन बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चालक कों अगर कंही पुलिस पकड़ ले तो चालक मन ही मन में ना जाने कितना उस पुलिस वाले कों कोसता है वो शायद यंहा साझा करना मुनासिब होगा। वंही कुछ पॉजिटिव सोच वाले भी इस समाज में है जो यह कहते है कि पुलिस के डर से वे नियमित हेलमेट लगाते है जिससे उनका परिवार सुरक्षित और सेफ है। अब बात करते है पुलिस की तो यातायात पुलिस समय समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत आमजन कों जागरूक करती रहती है, यंहा तक तो ठीक है। लेकिन पुलिस हेलमेट ना होने के नाम पर जो जुर्माना राशि चालान काटकर वाहन चालको से वसूल करती है, क्या उस चालान के बाद वो वाहन चालक सुरक्षित होगा?? क्या इसके बाद की गारंटी पुलिस विभाग की है?…..नहीं! वर्षो से परिपाटी चली आ रही है कि वाहन चालक ने अगर हेलमेट नहीं पहना है तो उससे जुर्माना वसूल करो। बात यंही पर खत्म नहीं हो रही। समय समय पर सरकारें बदल जाती है और इसके साथ ही जुर्माना राशि में भी बढ़ोतरी हो जाती है। लेकिन वाहन चालक की सुरक्षा जो सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है उसे सुधारने या नए आइडिया के साथ चालान काटने की बजाय कुछ और किया जाय ताकि हर कोई दुपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए बिना एक कदम भी आगे ना बढ़ाएं। देश में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बनती जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2021 के रिकॉर्ड के अनुसार भारत में कुल 4,03,116 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें कुल 1,55,622 लोगों की मौत हो गयी। जबकि 2017 में यह संख्या 1,50,093 थी। देश में औसतन प्रति घंटे लगभग 18 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले बीकानेर जिले में होने वाले सड़क हादसों में 40 प्रतिशत हादसे बाइक के होते हैं। हादसों में मरने वालों में 70 फीसदी बाइक वाले होते हैं। बाइक सवार मरने वालों में भी हेलमेट नहीं लगाने वाले 90-95 फीसदी होते हैं। पिछले एक महीने में 39 सड़क हादसे हुए, जिसमें से बाइक से 23 हादसे हुए और, इनमें 26 जनों की जान चली गई। बीते माह बीकानेर में हेलमेट नहीं पहनने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान दस दिनों में पुलिस ने 1087 बाइक चालकों को जुर्माना लगाया। अब जरा सोचिये जिन 1087 चालको का चालान काटकर जुर्माना वसूला गया और अगर यही उनसे जुर्माना राशि के बदले नया हेलमेट दिया जाता तो कम से कम अगली बार ज़ब वो व्हीकल लेकर निकलते तो शायद हरसंभव हेलमेट लगाते। इस भीड़ में कुछ आलसी लापरवाह किस्म के भी है जो अगर ना भी लगाते और किसी दिन पुलिस पकड़ती है तो फिर से जुर्माने के बदले हेलमेट मिलेगा तो जरा सोचिये वो अपने घर पर कितने हेलमेट रखेगा वंही जुर्माना राशि में किसी का भी हस्तक्षेप नहीं चलेगा क्योंकि अगर किसी का चालान कट गया तो समझो हेलमेट की राशि तो फिक्स है वो तो अदा करनी ही होंगी। इससे पुलिसकर्मीयों का मनोबल तो बढ़ेगा ही साथ में सड़क दुर्घनाओं में हताहत होने वालों में अप्रत्याषित कमी देखने कों मिलेगी बशर्ते सरकार व पुलिस विभाग इस पर गंभीरता से विचार करें।