मा0 मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन श्री दुर्गा शंकर मिश्र जी ने आज संत कीनाराम पब्लिक स्कूल एवं महिला महाविद्यालय भवन का किया उद्घाटन
देश समाचार (सोनभद्र/ब्यूरो)
मा0 मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन श्री दुर्गा शंकर मिश्र जी ने आज संत कीनाराम पब्लिक स्कूल एवं महिला महाविद्यालय भवन का किया उद्घाटन एवं संत कीनाराम महिला डिग्री कालेज, संत कीनाराम पी0जी0 कालेज के भवन का शिलान्यास किया, इस मौके पर डाॅ0 मुथु कुमार स्वामी बी0 मण्डलायुक्त मीरजापुर मण्डल, श्री राकेश प्रकाश सिंह डी0आई0जी0 मीरजापुर, श्री चन्द्र विजय सिंह जिलाधिकारी, डाॅ0 यशवीर सिंह पुलिस अधीक्षक, श्री सौरभ गंगवार मुख्य विकास अधिकारी, श्री हरिश्चन्द्रा रजिस्टार एम0जी0वी0के0पी0 वाराणसी, डाॅ0 गया सिंह फाउण्डर संत कीनाराम गु्रप एजुकेशनल, डाॅ0 गोपाल सिंह प्रिन्सिपल संत कीनाराम पी0जी0 कालेज उपस्थित रहें। कार्यक्रम की शुरूआत मा0 मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन महोदय ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किये, इस दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सर्वप्रथम गणेश वन्दना, माॅ सरस्वती वन्दना, पूज्य संत कीनाराम की वन्दना के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की गयी, इस दौरान स्वागत गीत ‘‘मेरे सपनों का आया रसूल‘‘ गीत की सुन्दर व मनमोहक प्रस्तुति की गयी, जिसकी काफी सराहना मुख्य सचिव महोदय ने की, इस दौरान मुख्य सचिव महोदय ने अपने सम्बोधन में कहा कि संत कीनाराम की आशीर्वाद की कामना करता हूॅ, आज 30 साल बाद जनपद सोनभद्र के मुख्यालय पर आकर काफी अभिभूत हॅू, बनारस से जनपद सोनभद्र तक यात्रा के दौरान बनायी गयी सड़कों को देखकर काफी प्रसन्नता हुई, उन्होंने कहा कि मीरजापुर जनपद से कटकर सन् 1989 मेें जनपद सोनभद्र बना था, तब सन् 1993 में मैं जनपद सोनभद्र के 8वें जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था, उस दौरान जनपद सोनभद्र में ओबरा और दुद्धी में सरकारी महाविद्यालय बना था, मुख्यालय पर कोई महाविद्यालय नहीं था, जो यहां के बालिकाओं के उच्च स्तर की शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं था, इस विद्यालय की स्थापना उस समय छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत की गयी थी और इस महाविद्यालय में अब बी0ए0, एम0ए0, एल0एल0बी0 सहित अनेक कोर्स से सम्बन्धित डिग्री लोगों को प्राप्त हो रही है और यह महाविद्यालय का काफी विस्तार हुआ है, जिसको देखकर मैं काफी अभिभूत हूूॅ, इसके लिए उन्होंने कालेज प्रबन्धन के द्वारा किये गये कार्यों की सराहना की। इस दौरान मुख्य सचिव महोदय ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के नेतृत्व में देश व प्रदेश का विकास हो रहा है और देश व प्रदेश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर हो रहे हैं, उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर का नेतृत्व भी आज मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत देश कर रहा है, दुनिया की वो सबसे बड़ी ताकते जो अर्थव्यवस्था का 75 प्रतिशत कन्ट्रोल करती है, ऐसी ताकतों का नेतृत्व आज हमारा देश कर रहा है, यह बड़े गौरव की बात है, पूरी दुनिया देख रही है हिन्दुस्तान किस तरह से बदल रहा है, अगर आप संकल्प लेकर कोई कार्य करेंगें, तो सिद्धि आपको अवश्य मिलेगी, संकल्प का ही देन है कि स्वच्छता के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुये हैं, और स्वच्छता लोगों के जीवनशैली में आ चुकी है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अन्तर्गत 90 लाख आवास का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें से 70 लाख आवास लोगों को अब तक उपलब्ध कराये जा चुके हैं। यह देश की गौरव व सौभाग्य का विषय है, उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कहना है कि वर्ष-2047 तक हम देश को पूर्ण विकसित देश बनायेंगेें और मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का कहना है कि प्रदेश की जो 250 बिलियन डालर है, उसे अर्थव्यवस्था को हम 1 हजार बिलियन डालर करने का हर संभव प्रयास करेंगें, उन्होंने कहा कि इस अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए गांव व जनपद की अर्थव्यवस्था बदलेगी, तभी प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था बदलेगी, इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 20 लाख करोड़ से अधिक धनराशि का निवेश करने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कवि रविन्द्र नाथ टैगोर जी की कविता को पढ़ते हुए कहा कि ‘‘डूबते हुए सूरज ने पूछा कि मेरे डूबने के बाद मेरा काम इस दुनिया में कौन करेगा, इसका जवाब किसी के पास न होने पर, एक छोटे से मिट्टी के दिये ने हाथ जोड़कर कहा कि हम करेंगें आपका काम‘‘ इस पंक्ति का आशय बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता, बस उस कार्य को जो व्यक्ति जिस पद पर या स्थान पर है, उसे पूरे मनोयोग व तनमयता के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करेें।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आने को तो बहुत शिक्षा नीति आयी, किन्तु मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष-2020 में एक अभूतपूर्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति आयी, कैसे हम हर बच्चें में उसकी जो क्षमता है, उसके अनुसार कैसे विकसित करें, को एक बरगद के बीज के माध्यम से बताते हुए कहा कि जैसे एक बरगद का बीज बड़ा होकर एक विशाल वृक्ष का आकार धारण करता है, ठीक उसी प्रकार से यह शिक्षा नीति अपने आप में कुशल फलिभूत है।